मोसाद के लिए जासूसी कर रहा था परमाणु वैज्ञानिक, ईरान ने फांसी पर लटका दिया, ऐसे किया पूरा खेल

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ईरान की खुफिया एजेंसी ने वैज्ञानिक रुजवेह वादी को फांसी दी, जिसने मोसाद के लिए जासूसी की थी. वादी ने क्रिप्टोकरेंसी के बदले परमाणु ठिकानों की जानकारी इजरायल को दी थी.

तेहरान से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. ईरान की खुफिया एजेंसी ने एक ऐसे ईरानी वैज्ञानिक को फांसी दे दी है, जिसने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी की थी. रुजवेह वादी नाम का यह वैज्ञानिक ईरान की परमाणु संस्था में ‘जूनियर साइंटिस्ट’ के तौर पर काम करता था और उसने क्रिप्टोकरेंसी के बदले देश के संवेदनशील परमाणु ठिकानों और वैज्ञानिकों की जानकारी इजरायल को सौंप दी थी. ईरानी एजेंसियों ने वादी का कबूलनामा वीडियो जारी किया है, जिसमें वह सिलसिलेवार बता रहा है कि कैसे वह मोसाद के संपर्क में आया, किन-किन एजेंटों से मिला और किस तरह से गोपनीय डेटा बाहर भेजा.

वादी के मुताबिक, जब उसे मोसाद के ईरान स्थित मुख्य एजेंट से मिलाने ले जाया गया, तो पहले एक मकान में उसकी इलेक्ट्रॉनिक तलाशी ली गई. कपड़े उतरवाकर यह सुनिश्चित किया गया कि उस पर कोई डिवाइस न हो. इसके बाद उसे दूसरे ठिकाने पर ले जाया गया, जहां मौजूद एजेंटों ने ईरानी परमाणु स्थलों और वैज्ञानिकों के बारे में कई सवाल पूछे. एक फोटो दिखाकर पूछा गया कि इसमें दिख रहा व्यक्ति कौन है, जिस पर उसने खुलासा किया कि वह एक ईरानी परमाणु वैज्ञानिक है.

ऐसे की थी जासूसी

वादी ने बताया कि मोसाद ने उसे भरोसा दिलाया कि मांगी गई रकम क्रिप्टोकरेंसी के जरिए जल्द ही भेज दी जाएगी. भुगतान मिलने के बाद उसे 500 जीबी की एक चिप दी गई, जिसमें ठिकानों और वैज्ञानिकों की पूरी जानकारी भरनी थी. दिलचस्प बात यह है कि डिवाइस को वापस लेने के लिए भी मोसाद ने बेहद सतर्क तरीका अपनाया. वादी को एक पार्क में आकर चिप को एक निश्चित पेड़ की डाल पर बांधने के निर्देश दिए गए. बाद में मोसाद के एजेंटों ने उसे फिर तकनीकी सवालों के लिए संपर्क किया.

वादी के मुताबिक, इस जासूसी नेटवर्क में आठ महिलाओं का एक ग्रुप भी सक्रिय था. वीडियो में कबूलनामे के बाद ईरानी सुरक्षा एजेंसियों ने उसे फांसी पर लटका दिया. माना जा रहा है कि इस वीडियो को जारी करना ईरान की एक ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ रणनीति का हिस्सा है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि जासूसी करने वालों को, चाहे वह कितना भी अहम क्यों न हो, सजा-ए-मौत दी जाएगी.

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