भारत की डिफेंस प्रोडक्शन में धमक, छुआ 1.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा; राजनाथ सिंह ने बताया अब क्या है नया टारगेट

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भारत ने रक्षा उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सालाना रक्षा उत्पादन डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 150590 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की तुलना में 18% अधिक है। रक्षा निर्यात में भी पिछले एक दशक में 30 गुना वृद्धि हुई है।

एएनआई, नई दिल्ली। विश्व में मची उथल-पुथल और पड़ोसी देशों से तनाव के बीच भारत ने अपनी धमक फिर से दिखाई है। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत का सालाना रक्षा उत्पादन डेढ़ लाख करोड़ के ऊपर पहुंच गया है।

रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा उत्पादन 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, यह 2023-24 में दर्ज 1.27 लाख करोड़ रुपये से 18% और 2019-20 में दर्ज 79,071 करोड़ रुपये की तुलना में 90% की वृद्धि हुई है।

राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस वृद्धि का श्रेय रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, अन्य सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों और निजी उद्योग के संयुक्त प्रयासों को दिया। उन्होंने कहा कि यह निरंतर वृद्धि भारत के रक्षा औद्योगिक आधार की मजबूती को दर्शाती है। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं ने कुल उत्पादन में लगभग 77% का योगदान दिया, जबकि निजी क्षेत्र का योगदान 23% रहा।

एक दशक में 30 गुना बढ़ा रक्षा निर्यात

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक दशक में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 30 गुना बढ़ गया है। 2013-14 में जो रक्षा निर्यात 686 करोड़ रुपये था वो 2024-25 में बढ़कर 23, 622 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। पिछले एक दशक में भारत ने 88 हजार 319 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात किए, जबकि 2004 से 2014 के बीच ये आंकड़ा 4 हजार 312 करोड़ रुपये था।

सरकार इस वृद्धि का श्रेय नीतिगत सुधारों, व्यापार को आसान बनाने के प्रयासों और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित करने को देती है। इस पहल का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना है।

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