ट्रंप के टैरिफ का दिखने लगा असर, WTO ने वैश्विक वस्‍तु व्यापार में 0.9 फीसदी वृद्धि का लगाया अनुमान

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विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) के अनुसार इस वर्ष वैश्विक वस्‍तु व्‍यापार में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के शुल्‍क के कारण वहां जल्‍दी माल पहुंचाने से आयात में वृद्धि होगी। उच्‍च शुल्‍क का व्‍यापार पर प्रतिकूल असर होगा। 2026 में व्‍यापार मात्रा में 1.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।

नई दिल्ली। इस वर्ष वैश्विक वस्तु व्यापार में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसका कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क के कारण वहां जल्दी माल पहुंचाने के कारण आयात में होने वाली वृद्धि है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने कहा कि उच्च शुल्क का व्यापार पर प्रतिकूल असर होगा।

इससे अगले वर्ष 2026 में व्यापार मात्रा में 1.8 प्रतिशत वृद्धि होगी जबकि पहले इसके 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

वस्तु व्यापार में बढ़ोतरी के अनुमान

डब्ल्यूटीओ ने कहा, ‘विश्व वस्तु व्यापार में अब 2025 में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। यह अप्रैल में जताए गए 0.2 प्रतिशत की गिरावट के पूर्वानुमान से अधिक है, लेकिन शुल्क वृद्धि से पहले के 2.7 प्रतिशत अनुमान से कम है।’

अनुमान में मामूली वृद्धि भारत के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण जून में भारत का निर्यात 35.14 अरब डालर पर स्थिर रहा जबकि व्यापार घाटा चार महीने के निचले स्तर 18.78 अरब डालर पर रहा।

क्या बोले WTO के महानिदेशक

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक न्गोजी ओकोंजो-इवेला ने कहा कि टैरिफ अनिश्चितता का साया व्यापारिक विश्वास, निवेश और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘अनिश्चितता वैश्विक व्यापार माहौल में सबसे ज्यादा व्यवधान पैदा करने वाली शक्तियों में से एक बनी हुई है।’

डब्ल्यूटीओ के मुताबिक, एशियाई अर्थव्यवस्थाएं 2025 में विश्व वस्तु व्यापार की मात्रा वृद्धि में सकारात्मक भूमिका निभाएंगी। हालांकि 2026 में उनका योगदान अप्रैल में किए गए अनुमान से कम होगा। इसने कहा कि उत्तरी अमेरिका 2025 और 2026 में वैश्विक व्यापार वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।

भारत का निर्यात स्थिर

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण जून में भारत का निर्यात 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा, जबकि व्यापार घाटा इस महीने के दौरान घटकर चार महीने के निचले स्तर 18.78 अरब डॉलर पर आ गया।

2025 में बनी रहेगी वृद्धि

इसमें आगे कहा गया है कि एशियाई अर्थव्यवस्थाएं 2025 में विश्व वस्तु व्यापार की मात्रा वृद्धि में सबसे बड़ी सकारात्मक चालक बनी रहेंगी, हालांकि 2026 में उनका योगदान अप्रैल में किए गए अनुमान से कम होगा।

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